हनीमून स्पेशल

Ajay Amitabh Suman
3 min readJun 3, 2019

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रमेश और महेश की मित्रता की मिसाल स्कूल में सारे लोग देते। पढ़ाई या खेल कूद हो, दोनों हमेशा साथ साथ रहते। गिल्ली डंडा हो, कबड्डी या कि पतंग बाजी, दोनों का साथ बना रहता। स्कूल से कॉलेज तक दोनों की मित्रता बनी रही। रमेश बड़ा होकर बैंक में सरकारी मुलाजिम बना। महेश अपने पिता के होटल बिज़नेस में हाथ बंटाने लगा।

रमेश की शादी हो गई। हमेशा की तरह महेश शादी में बड़े जोश से शरीक हुआ। हनीमून की बात आई तो महेश ने कहा, नैनीताल में मैंने एक नया होटल खरीदा है,मेरे होटल में ही आना। रमेश महेश के होटल नैनीताल हनीमून मनाने गया। लौटने की बात आई तब महेश ने पैसे लेने से मना कर दिया। कहा तुम मेरे स्पेशल गेस्ट हो। तुमसे पैसे क्या लेने। उल्टे लौटते वक्त महेश ने भाभी जी को सोने की अंगूठी गिफ्ट के तौर पर थमा दी। रमेश बड़ी खुशी खुशी लौट आया।

25 साल बीत गए। रमेश के बेटे की भी शादी हुई। हनीमून की बात आई तो रमेश ने अपने बेटे से कहा नैनीताल में मेरे मित्र महेश का होटल है, वहीं जाना। तुम लोगों का स्पेशल ख्याल रखेगा। हमलोग भी हनीमून मनाने वहीं गए थे।

बेटे ने पता ले लिया। नैनीताल में मालूम चला, होटल की देख भाल महेश का बेटा कर रहा है। रमेश के बेटे ने अपना परिचय दिया। बड़े धूम धाम से स्वागत किया गया। हनीमून सम्पन्न होने का वक़्त आया, तो पैसे लेने की बात तो दूर रही, महेश के बेटे ने रमेश के बेटे को गिफ्ट के तौर पे एक बाइक पकड़ा दी। कहा आप मेरे पापा के मित्र के बेटे है। आप स्पेशल हैं मेरे लिए। ये स्पेशल गिफ्ट आपके लिए मेरी तरफ से। रमेश का बात अपने पापा के मित्रता का गुण गान करते हुए लौट आया।

कालचक्र तेजी से बीतता गया। पता हीं नहीं चला, कब हनीमून के समय बिताये गए पलों ने रमेश को बाबा बना दिया और कब रमेश का पोता बड़ा होकर शादी योग्य हो गया। समय आने पे रमेश के पोते की भी शादी हुई। बाबा और पिता की सलाह पर पोता भी नैनीताल के उसी होटल में गया। वो ही धूम धाम से स्वागत, वो ही रिटर्न गिफ्ट। पर पोते को इस बार कार मिली।

पोता का दिमाग ठनका। उस समय महेश का पोता कारोबार संभाल रहा था। उसका कॉलर पकड़कर रमेश के पोते ने पूछ ताछ की। पर महेश का पोता यही बता रहा था, कि आप से रिश्ता बाबा के जमाने से है। स्पेशल गेस्ट के लिए स्पेशल ऑफर के तौर पर गाड़ी दी जा रही है। पर रमेश के पोते को बात हजम नहीं हुईं। जब उसने पुलिस की धमकी दी, तब महेश के पोते ने पूरी बात उगली।

महेश के पोते ने कहा, जब आपके बाबा हानीमून मनाने आये तब मेरे बाबा ने हिडन कैमरे से आपके बाबा और दादी के काम क्रीड़ा के फोटो खींचकर पत्रिकाओं में छपने को भेज दिया। उन पत्रिकाओं के बिकने से जो आमदनी हुई थी उसके दस प्रतिशत से अंगूठी खरीद कर आपके दादी को दिया गया था।

रमेश के पोते ने पूछा, मेरे माता पिता के साथ क्या किया गया?

महेश के पोते का जवाब मिला, आपके माता पिता के काम क्रीड़ा का वीडियो बनाकर बाजार में बेच दिया गया था। उससे जो आमदनी हुई थी, उसके दस प्रतिशत हिस्से से बाइक खरीदकर आपके पिता को दिया गया था।

रमेश के पोते का माथा ठनक गया। उसने पूछा, मुझे कार दिया जा रहा है, मेरे साथ क्या किया तूने?

महेश के पोते ने डरते डरते कहा, भी टेक्नोलॉजी एडवांस हो।गई है। आप स्पेशल गेस्ट थे, आप दोनों के काम क्रीड़ा का लाइव टेलीकास्ट किया गया है।

कार स्पेशल आफर के तहत प्रदान किया जा रहा है।

अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित

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Ajay Amitabh Suman
Ajay Amitabh Suman

Written by Ajay Amitabh Suman

[IPR Lawyer & Poet] Delhi High Court, India Mobile:9990389539

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