Ajay Amitabh Suman
1 min readNov 11, 2019

बहुत तेज तेरा एंटीना

बहुत तेज तेरा एंटीना, आसां कर दे सबका जीना।
काम न कोई तुझको भाय, नित दिन कैसे करे उपाय।
काम से पीछा छुटे कैसे, बिल्ली काटे दरवाजा जैसे।
नहीं समय पर तुम आते हो, सही समय पर आ जाते हो।
मालिक कहाँ शहर मिलते हैं, एंटीना सब नजर रखते हैं।
मालिक के मन जो भी भाते, एंटीना सब वोही बताते।
कौन फ़िल्म है कौन सा गाना, सेक्रेटरी को भी पहचाना।
ड्राईवर, गेटकीपर से सेटिंग, जाने किससे कैसी मीटिंग।
आज समय किस होटल में हैं, सब नजर में टोटल में हैं।
किस दिन मालिक बाहर जाता, एंटीना सब खबर बताता।
जब मालिक न ऑफिस होते, काम अधूरे पूरे होते।
मालिक को ना मालूम होता, कौन खिलाये कैसा गोता।
कि आफिस मालिक जब होते, तुम भी हम भी कब न होते?
तो तेरी जय हो मेरे बंधु, तारण हार हे आफिस सिंधू।
तेरी एंटीना की जय हो, अजय, अमर हो, ये अक्षय हो।

Ajay Amitabh Suman
Ajay Amitabh Suman

Written by Ajay Amitabh Suman

[IPR Lawyer & Poet] Delhi High Court, India Mobile:9990389539

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