पेट मेरा कहता है अब तू इन्कलाब कर

Ajay Amitabh Suman
1 min readFeb 12, 2019

ना धर्म पर, ना जात पर,

करना है मुझसे तो रोटी की बात कर।

जाति धरम से कभी भूख नहीं मिटती,

उदर डोलता है मेरा सब्जी पर भात पर।

रामजी, मोहम्मद जी ईश्वर होंगे तेरे,

तुझको मिलते हैं जा तुही मुलाकात कर।

मिलते हैं राम गर मोहम्मद तो कहना,

फुर्सत में कभी देखलें हमारी हालात पर।

अल्लाह जो तेरे होते ये काबा औ काशी,

मरते गरीब क्यों रोटी और भात पर?

थक गया हूँ चल चल के मस्जिद के रास्ते,

पेट मेरा कहता है अब तू इन्कलाब कर ।

अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित

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Ajay Amitabh Suman

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