ईश्वर की राह

Ajay Amitabh Suman
1 min readMay 14, 2019

प्रभु की राह तो बहुत सरल है. भला प्रेम करना भी कोई मुश्किल काम है ? पर हम कितनों को हम प्रेम कर पाते हैं? प्रभु का नहीं मिलना, हमारी जटिलताओं के कारण है , न कि प्रभु के कारण. इस कविता मे मैंने यहीं भाव प्रस्तुत किये हैं.

कितना सरल है

सच?

कितना कठिन है सच कहना।

कितना सरल है,

प्रेम?

कितना कठिन है,

प्यार करना।

कितनी सरल है,

दोस्ती,

कितना मुश्किल है,

दोस्त बने रहना।

कितनी मुश्किल है,

दुश्मनी?

कितना सरल है,

दुश्मनी निभाना।

कितना कठिन है.

पर निंदा,

कितना सरल है,

औरों पे हँसना।

कितना कठिन है,

अहम भाव,

कितना सरल है,

आत्म वंचना करना।

कितना सरल है.

बताना किसी को,

कितना मुश्किल है,

कुछ सीखना।

कितना सरल है,

राह प्रभु की?

कितना कठिन है,

प्रभु डगर पे चलना।

अजय अमिताभ सुमन: सर्वाधिकार सुरक्षित

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Ajay Amitabh Suman

[IPR Lawyer & Poet] Delhi High Court, India Mobile:9990389539