बाजार में हिला नहीं

तू भी क्या चीज है कि
नाम का गिला नहीं,
शोहरत की दौड़ में थे
सब तू हिला नहीं।

नफासत के पीछे
कुछ विरासत के पीछे ,
कुछ रोजी और रोटी
सियासत के पीछे।

एक तू है कि नाम ना
काम की फिकर है,
बदनाम भी है पूरा
फिर भी बेफिकर है?

रियासत की दौड़ में थे
सब तू मिला नहीं,
माजरा ये क्या है
बाजार में हिला नहीं?

अजय अमिताभ सुमन
सर्वाधिकार सुरक्षित

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Ajay Amitabh Suman

[IPR Lawyer & Poet] Delhi High Court, India Mobile:9990389539