जब भी अपनी दांत दिखाते

जाने किसकी बात मान के,

बुद्धि किसकी सही जान के?

क्या घुटी चख आए टीचर,

चश्मा आंख लगाए टीचर।

जब मास्टर जी कक्षा आए,

चश्मा नाकों आँख चढ़ाए।

तब टिंकू ने कान खुजाया,

टीचर जी को नाक दिखाया।

पूछा सर जी क्या करते हैं?

कमरे में चश्मा धरते हैं?

कक्षा में है घोर अंधेरा,

कड़ी धूप ना कोई सबेरा।

फिर कैसी ये आफत आई,

काला चश्मा आंख चढ़ाई?

ज्यों टिंकू ने प्रश्न उठाया,

मास्टर जी ने राज बताया।

बोले बच्चे तुम सब तेज,

आंखों से चमकाते मेज।

जब भी अपनी दांत दिखाते,

सूरज को औकात दिखाते।

तुमसे लाइट इतनी आती,

आंखों को है बहुत सताती।

तिसपे क्या है तेज दिमाग,

जलता जैसे कोई चिराग।

इसी आग से बचना पड़ता,

काला चश्मा रखना पड़ता।

अजय अमिताभ सुमन

Ajay Amitabh Suman

[IPR Lawyer & Poet] Delhi High Court, India Mobile:9990389539