आम आदमी पार्टी(AAP)

Ajay Amitabh Suman
1 min readMay 10, 2019

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ये कविता मैंने तब बनाई थी जब आम आदमी पार्टी की स्थापना हुई थी . उस समय भ्रष्टाचार के विरुद्ध आम जनता में अतिशय आक्रोश था. ऐसी प्रतीति हो रही थी कि आम आदमी पार्टी भारतीय राजनीति में मिल का पत्थर साबित होगी. पर समय व्यतीत होने के साथ आम आदमी पार्टी भी अन्य पार्टियों की तरह जाति और धर्मं की राजनीति से प्रभावित हो चुकी है . वर्तमान समय में आम आदमी पार्टी से मेरा मोह भंग हो चुका है.

वादा किया जो मोदी ने,

पूरा करेगी आप,

दिल्ली से शुरुआत हो चुकी,

जनता करेगी राज.

जनता जाग चुकी है देखो,

बस ये है शुरुआत,

नहीं फूलेगा कमल फुल और ,

नहीं चलेगा हाथ.

जाति धर्म के नाम पे अब तो,

नहीं बिकेगी जनता,

नेताओं के मकड़ जाल में,

नहीं फसेगी जनता.

भ्रष्टाचारी नहीं चलेंगे,

काला धन बेकार ,

धन बल दल का राज तिरोहित,

जन का है सरकार .

जन का है सरकार कि जन में,

अलख जगा रहे है,

अरविन्द सपने जो दिखा रहे,

सच में निभा रहे हैं.

अजय अमिताभ सुमन:सर्वाधिकार सुरक्षित

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Ajay Amitabh Suman

[IPR Lawyer & Poet] Delhi High Court, India Mobile:9990389539